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पागल दिल -18-Apr-2023

प्रतियोगिता हेतु
दिनांक:18/04/2023
पागल दिल

ये दिल भी मेरा पागल हुए जा रहा है,
नज़रें मिलते ही उनसे बहकने लगा है।
कोई चीज़ होती तो समझा देते हम,
उनके तसव्वुर से चहकने लगा है।
ये दिल भी मेरा पागल हुए जा रहा है।।

पागल दिल को कुछ कहा जा सकता नहीं,
इधर उधर की बातों से बहलाया जा सकता नहीं।
धड़कनों के बीच धड़कता ये दिल पागल,
पागल दिल मदहोश होकर चहकने लगा है।
ये दिल भी मेरा पागल हुए जा रहा है।।

उनकी मुस्कुराहट का दीवाना हो चुका है,
ख्वाबों में ही सही उनको अपना चुका है।
मोर की तरह खुश होकर नाचता पागल दिल,
सनम की सूरत पर मरने लगा है।
ये दिल भी मेरा पागल हुए जा रहा है।।

शाहाना परवीन "शान"...✍️ 

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3 Comments

Milind salve

19-Apr-2023 09:49 AM

Nice

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Abhinav ji

18-Apr-2023 09:23 AM

Very nice 👍

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शानदार

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